bnaras ki byar
Sunday 9 March 2014
एक तुम हो
जो सपनों में भी मिलती हो
तो, जिंदगी कि चहलकदमी हो जाती है
क्या इसी तरह सपनों से
जिंदगी मिलती रहेगी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment