मुम्बई में हूँ
यंहा मुम्बई में हूँ
ये वो सब नही
जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या
पढ़ाया जा रहा
सच क्या
झूठ क्या
वो, पाठ्य पुस्तकों के गीत क्या
और कविता क्या
मई सोचती हूँ कंहा है प्रेमचंद
कंहा है , रविन्द्र
कंहा है, सुभाष
और कंहा है भगतसिंह
मई ये किस देश में हु वो, हल ले जाते
किशानों के दृश्य
वो गौओं के बेफिक्र झुण्ड कंहा है वो, रम्भाती
पिन्हाती गौएँ कंहा है
जो गोधूलि कि बेला में लौटती थी तो, बछड़ों
को उनके लिए उछलते दौड़ते देखते थे
वो, मेरा प्यारा देश कंहा खो गया है
यंहा मुम्बई में हूँ
ये वो सब नही
जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या
पढ़ाया जा रहा
सच क्या
झूठ क्या
वो, पाठ्य पुस्तकों के गीत क्या
और कविता क्या
मई सोचती हूँ कंहा है प्रेमचंद
कंहा है , रविन्द्र
कंहा है, सुभाष
और कंहा है भगतसिंह
मई ये किस देश में हु वो, हल ले जाते
किशानों के दृश्य
वो गौओं के बेफिक्र झुण्ड कंहा है वो, रम्भाती
पिन्हाती गौएँ कंहा है
जो गोधूलि कि बेला में लौटती थी तो, बछड़ों
को उनके लिए उछलते दौड़ते देखते थे
वो, मेरा प्यारा देश कंहा खो गया है
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