Saturday 29 March 2014
bnaras ki byar: प्यार में हो खट्टे मीठे अहसास किन्तु, न हो कभी ...
bnaras ki byar: प्यार में हो
खट्टे मीठे अहसास
किन्तु, न हो कभी
...: प्यार में हो खट्टे मीठे अहसास किन्तु, न हो कभी तुम्हारी उन्मुक्तता को ग्रहण तभी प्यार को मिलेगा एक न्य आयाम वर्ण प्यार अभिशाप व...
खट्टे मीठे अहसास
किन्तु, न हो कभी
...: प्यार में हो खट्टे मीठे अहसास किन्तु, न हो कभी तुम्हारी उन्मुक्तता को ग्रहण तभी प्यार को मिलेगा एक न्य आयाम वर्ण प्यार अभिशाप व...
प्यार में हो
खट्टे मीठे अहसास
किन्तु, न हो कभी
तुम्हारी उन्मुक्तता को ग्रहण
तभी प्यार को मिलेगा
एक न्य आयाम
वर्ण प्यार अभिशाप व्
जकड़न हो जायेगा
जा, तुझे
अपने जीवन जीने कि
मुक्ति मिले
तू, उस प्यार से मुक्त हो
जिसमे तेरा दम घुटे
सच ,
तेरे लिए
तेरा जीवन
मेरे प्यार से ज्यादा
महत्वपूर्ण हो
क्योंकि,
प्यार भी
जीवन के लिए होगा
खट्टे मीठे अहसास
किन्तु, न हो कभी
तुम्हारी उन्मुक्तता को ग्रहण
तभी प्यार को मिलेगा
एक न्य आयाम
वर्ण प्यार अभिशाप व्
जकड़न हो जायेगा
जा, तुझे
अपने जीवन जीने कि
मुक्ति मिले
तू, उस प्यार से मुक्त हो
जिसमे तेरा दम घुटे
सच ,
तेरे लिए
तेरा जीवन
मेरे प्यार से ज्यादा
महत्वपूर्ण हो
क्योंकि,
प्यार भी
जीवन के लिए होगा
Friday 28 March 2014
bnaras ki byar: voवो , तेरा धुंध वो, तेरा दुधमुंहा शिशु जो, तेर...
bnaras ki byar: vo
वो , तेरा धुंध
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु
जो, तेर...: vo वो , तेरा धुंध वो, तेरा दुधमुंहा शिशु जो, तेरे जैसा दीखता है बिलकुल , तेरी तरह है जिसके होंठ , और मुख भी तेरी तरह है वो, ते...
वो , तेरा धुंध
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु
जो, तेर...: vo वो , तेरा धुंध वो, तेरा दुधमुंहा शिशु जो, तेरे जैसा दीखता है बिलकुल , तेरी तरह है जिसके होंठ , और मुख भी तेरी तरह है वो, ते...
vo
वो , तेरा धुंध
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु
जो, तेरे जैसा दीखता है
बिलकुल , तेरी तरह है
जिसके होंठ , और मुख भी
तेरी तरह है
वो, तेरे जैसा ही मुस्कराता है
तुझे देखकर हँसता है
तेरी गोद में मचलता है
उसके होंठों में
दूध कि महक रहती है
मुख में दूध लिप्त होता है
जैसे कि, कान्हा
दूध कि मटकी में
हाथ दाल क्र
माखन अपने अधरों
में लपेटे हो
उसकी दुधमुंही हंसी
सरल और स्निग्ध
उसकी चंचल ,
चपल , मनभावन हंसी
और उसका मुट्ठियों में
तेरी चुनर को
लपेट क्र खींचना
अरे, वो बावला
तेरी तरह उधमची है
क्या क्या बताऊं
उसकी मुस्कराहट
उसकी काजल रंगी आँखे
भी, तो, तेरी तरह
रशिली और
चपल है
आज इतना ही
वो , तेरा धुंध
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु
जो, तेरे जैसा दीखता है
बिलकुल , तेरी तरह है
जिसके होंठ , और मुख भी
तेरी तरह है
वो, तेरे जैसा ही मुस्कराता है
तुझे देखकर हँसता है
तेरी गोद में मचलता है
उसके होंठों में
दूध कि महक रहती है
मुख में दूध लिप्त होता है
जैसे कि, कान्हा
दूध कि मटकी में
हाथ दाल क्र
माखन अपने अधरों
में लपेटे हो
उसकी दुधमुंही हंसी
सरल और स्निग्ध
उसकी चंचल ,
चपल , मनभावन हंसी
और उसका मुट्ठियों में
तेरी चुनर को
लपेट क्र खींचना
अरे, वो बावला
तेरी तरह उधमची है
क्या क्या बताऊं
उसकी मुस्कराहट
उसकी काजल रंगी आँखे
भी, तो, तेरी तरह
रशिली और
चपल है
आज इतना ही
Thursday 27 March 2014
bnaras ki byar: तुम साथ नही हो फिर भी तुम साथ साथ महसूस होती हो ...
bnaras ki byar: तुम साथ नही हो
फिर भी तुम साथ साथ
महसूस होती हो ...: तुम साथ नही हो फिर भी तुम साथ साथ महसूस होती हो यंही है तुम्हारे साथ होने का अहसास , अपने आसपास जिसे अपने से विलग करना सम्भव ...
फिर भी तुम साथ साथ
महसूस होती हो ...: तुम साथ नही हो फिर भी तुम साथ साथ महसूस होती हो यंही है तुम्हारे साथ होने का अहसास , अपने आसपास जिसे अपने से विलग करना सम्भव ...
तुम साथ नही हो
फिर भी तुम साथ साथ
महसूस होती हो
यंही है
तुम्हारे साथ होने का
अहसास , अपने आसपास
जिसे अपने से विलग करना
सम्भव नही
जीवन में तुम
हमेशा से मौजूद हो
क्योंकि, तू हो
मेरा जीवट
जीवन-धन
जैसे मेरे मन ने
तुमे संभल रखा है
ये जीवन इसी तरह से चलता है
कि जिसकी चाहत होती है
वो
वो , कब किसे यंहा मिलता है
ये अहसास मन में हमेशा से पलटा है
कि, जो साथ नही
फिरभी वो , साथ साथ
चलता है
चाहे कितनी ही दूर हो
इसे हितो ,
कहते है कि तुमसे दिल का
दिल का रिस्ता है
कि, तुम हमेशा
मन में घर में
आँगन में
सभी जगह साथ हो
लहकती हुयी
बोगनवालिया कि बेल कि तरह
फिर भी तुम साथ साथ
महसूस होती हो
यंही है
तुम्हारे साथ होने का
अहसास , अपने आसपास
जिसे अपने से विलग करना
सम्भव नही
जीवन में तुम
हमेशा से मौजूद हो
क्योंकि, तू हो
मेरा जीवट
जीवन-धन
जैसे मेरे मन ने
तुमे संभल रखा है
ये जीवन इसी तरह से चलता है
कि जिसकी चाहत होती है
वो
वो , कब किसे यंहा मिलता है
ये अहसास मन में हमेशा से पलटा है
कि, जो साथ नही
फिरभी वो , साथ साथ
चलता है
चाहे कितनी ही दूर हो
इसे हितो ,
कहते है कि तुमसे दिल का
दिल का रिस्ता है
कि, तुम हमेशा
मन में घर में
आँगन में
सभी जगह साथ हो
लहकती हुयी
बोगनवालिया कि बेल कि तरह
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जी...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जी...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जी...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जी...
bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
और प्यार को प्यार से जी...: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जीने दो कभी कभी प्यार से कहने दो कभी प्यार सेसुनने दो यदि प्यार है तो प्यार रहेग...
प्यार को प्यार से रहने दो
और प्यार को प्यार से जीने दो
कभी
कभी प्यार से कहने दो
कभी प्यार सेसुनने दो
यदि प्यार है तो
प्यार रहेगा
वर्ण तकरार से क्या हासिल है
मुझे सिर्फ प्यार से \प्यार के लिए
प्यार में
प्यार में जीने दो
प्यार न रहे तो
जीना दुस्वार होगा
जिंदगी से प्यार हो
इसलिए तुम
अपने से प्यार करने दो
प्रश्न ये नही कि तू चाहे या नही
प्रश्न ये है कि
मेरे मन प्यार है या नही
यदि , मुझमे प्यार है
तभी प्यार का क ख ग महसूस होगा
यदि हमारे भीतर प्यार नही हो
तो, कोई कितना ही प्यार करे
हम उसे नही प् सकते
इसलिए प्यार को
प्यार से महसूस करने दो
ये प्यार ही हमारे जीने के बाद
हमारी मरतु के बाद
म्रत्यु के बाद जीवित रहेगा
यदि, प्यार नही है
तो, शायद हमारे बाद
हम नही बचेंगे
अगरबत्ती के धुंए जितनी देर भी
इशलिये
आज तुम मुझे
अपने प्यार के लिए
नही होगा कि ये
कि ये प्यार
ये प्रश्न नेपथ्य में रहने दो
और प्यार को प्यार से जीने दो
कभी
कभी प्यार से कहने दो
कभी प्यार सेसुनने दो
यदि प्यार है तो
प्यार रहेगा
वर्ण तकरार से क्या हासिल है
मुझे सिर्फ प्यार से \प्यार के लिए
प्यार में
प्यार में जीने दो
प्यार न रहे तो
जीना दुस्वार होगा
जिंदगी से प्यार हो
इसलिए तुम
अपने से प्यार करने दो
प्रश्न ये नही कि तू चाहे या नही
प्रश्न ये है कि
मेरे मन प्यार है या नही
यदि , मुझमे प्यार है
तभी प्यार का क ख ग महसूस होगा
यदि हमारे भीतर प्यार नही हो
तो, कोई कितना ही प्यार करे
हम उसे नही प् सकते
इसलिए प्यार को
प्यार से महसूस करने दो
ये प्यार ही हमारे जीने के बाद
हमारी मरतु के बाद
म्रत्यु के बाद जीवित रहेगा
यदि, प्यार नही है
तो, शायद हमारे बाद
हम नही बचेंगे
अगरबत्ती के धुंए जितनी देर भी
इशलिये
आज तुम मुझे
अपने प्यार के लिए
नही होगा कि ये
कि ये प्यार
ये प्रश्न नेपथ्य में रहने दो
Tuesday 25 March 2014
तुम्हारा सजसरीनगर ख़त्म नही होगा
भले चुन्नू मिल्क-डेरी के लिए रोता रहे
तुझे कंहा परवाह है
चुन्नू कि हमेशा हंसते मुस्कराता
सारे घर मोहल्ले का जी जो
बहलाता है उसके भूख प्यास
और शुशु करकर
जो, थप थप जमीन पर करते रहता है
फिर वंही नन्हे से हाथ
मुम्ह में लगा लेता है
आप सबको तो
उसकी हरकतों पर मजे लेना है, बस
चलो चुन्नू को
उसका सामान दे दो
जिसपर उसका नैसर्गिक हक़ है
भले चुन्नू मिल्क-डेरी के लिए रोता रहे
तुझे कंहा परवाह है
चुन्नू कि हमेशा हंसते मुस्कराता
सारे घर मोहल्ले का जी जो
बहलाता है उसके भूख प्यास
और शुशु करकर
जो, थप थप जमीन पर करते रहता है
फिर वंही नन्हे से हाथ
मुम्ह में लगा लेता है
आप सबको तो
उसकी हरकतों पर मजे लेना है, बस
चलो चुन्नू को
उसका सामान दे दो
जिसपर उसका नैसर्गिक हक़ है
Monday 24 March 2014
bnaras ki byar: एक तेरे होने से दुखों कि बदली छंट जाती है तेरे ह...
bnaras ki byar: एक तेरे होने से
दुखों कि बदली छंट जाती है
तेरे ह...: एक तेरे होने से दुखों कि बदली छंट जाती है तेरे होठों पर मचलती खिली खिली हंसी ये हसीना तू है, बेहद हंसी
दुखों कि बदली छंट जाती है
तेरे ह...: एक तेरे होने से दुखों कि बदली छंट जाती है तेरे होठों पर मचलती खिली खिली हंसी ये हसीना तू है, बेहद हंसी
bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी त...
bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है
कविता थी
त...: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी तुम चित्त थी, तब मई पस्त था वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था गांव के मनचलों ने इस कविता ...
कविता थी
त...: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी तुम चित्त थी, तब मई पस्त था वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था गांव के मनचलों ने इस कविता ...
bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी त...
bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है
कविता थी
त...: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी तुम चित्त थी, तब मई पस्त था वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था गांव के मनचलों ने इस कविता ...
कविता थी
त...: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी तुम चित्त थी, तब मई पस्त था वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था गांव के मनचलों ने इस कविता ...
Sunday 23 March 2014
bnaras ki byar: HereMeanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला...
bnaras ki byar: Here
Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला...: Here Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला These रहसय भी गांव में आम हो गया कि अर्चना Archanaa ने अपने मंगेतर के नाम को कैसे स...
Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला...: Here Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला These रहसय भी गांव में आम हो गया कि अर्चना Archanaa ने अपने मंगेतर के नाम को कैसे स...
Here
Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला
These रहसय भी गांव में आम हो गया कि अर्चना
Archanaa ने अपने मंगेतर के नाम को कैसे सही किया
First लिखा होता था, इस्थर में
Impotent डॉक्टर राणा से मिले
Archanaa ने जाकर तख्ती से ना को मिटा दिया
Now इश्तहार हुआ
Only मर्द डॉक्टर राणा से मिले
Since then, अर्चना को गांव की डॉक्टर माना गया
The डॉक्टर राणा को मर्द कि डिग्र्री दी
And गांव कि नमी डॉक्टर बन गयी
Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला
These रहसय भी गांव में आम हो गया कि अर्चना
Archanaa ने अपने मंगेतर के नाम को कैसे सही किया
First लिखा होता था, इस्थर में
Impotent डॉक्टर राणा से मिले
Archanaa ने जाकर तख्ती से ना को मिटा दिया
Now इश्तहार हुआ
Only मर्द डॉक्टर राणा से मिले
Since then, अर्चना को गांव की डॉक्टर माना गया
The डॉक्टर राणा को मर्द कि डिग्र्री दी
And गांव कि नमी डॉक्टर बन गयी
सजनी सभा के कार्यक्रम में रम्भा अर्चना से मिली
उसने अर्चना को बधाई दी कि ,
कमसेकम उसने मनचले आशिक को
अपना सबक सिखाया
बहार का रास्ता दिखाया
रम्भा ने
रम्भा
रम्भा
रम्भा ने अर्चना से पूछ कि
वो, मन्नू को कैसे जानती है
इसपर अर्चना का जवाब था
कि, मन्नू उसका मुंह बोला मजनू है
सुनकर रम्भा ने भी माना कि
मन्नू उसका ,मुंहबोला आशिक है
उसने अर्चना को बधाई दी कि ,
कमसेकम उसने मनचले आशिक को
अपना सबक सिखाया
बहार का रास्ता दिखाया
रम्भा ने
रम्भा
रम्भा
रम्भा ने अर्चना से पूछ कि
वो, मन्नू को कैसे जानती है
इसपर अर्चना का जवाब था
कि, मन्नू उसका मुंह बोला मजनू है
सुनकर रम्भा ने भी माना कि
मन्नू उसका ,मुंहबोला आशिक है
bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता ...
bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया
और हमेशा ये गता ...: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता रहता दिल नही लगता अकेले में रम्भा रानी, मिलो तबेले में ये तमाशा गांव कि लड़कियों न...
और हमेशा ये गता ...: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता रहता दिल नही लगता अकेले में रम्भा रानी, मिलो तबेले में ये तमाशा गांव कि लड़कियों न...
bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता ...
bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया
और हमेशा ये गता ...: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता रहता दिल नही लगता अकेले में रम्भा रानी, मिलो तबेले में ये तमाशा गांव कि लड़कियों न...
और हमेशा ये गता ...: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता रहता दिल नही लगता अकेले में रम्भा रानी, मिलो तबेले में ये तमाशा गांव कि लड़कियों न...
मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया
और हमेशा ये गता रहता
दिल नही लगता अकेले में
रम्भा रानी, मिलो तबेले में
ये तमाशा गांव कि लड़कियों ने देखा
पूजा सबकी लीडर बनी
उअर सबने मन्नू से कहा कि
रम्भा ने तुम्हे दुपहरिआ में
ताऊ के तबेले में मिलने
अकेले बुलाया है
मन्नू सांझ तक तो, खुद को
सजाता रहा
मंहगा कुरता पहना
एकदम झकास होकर पहुंचा
अँधेरा हो गया था
पूजा व् सभी लड़कियों ने उसे
तबेले में धकेल दिया
बाहर से फाटक ख़त से बंद क्र दिया
इसबार मन्नू भैस के कदमों में जा पहुंचा
पर प्यार में दिल कि धड़कन तेज हो रही थी
बोला , रम्भा रानी , ये तुम्हारे बालों कि छोटी
कैसी महक रही है
तुम्हारे बाल तो, बहुत रेशम जैसे है
आज क्या मिटटी लगा आयी हो
तब, भैस ने अपना पांव मन्नू के सामने पटका
मन्नू खा गया झटका
बोला, रम्भा रानी , ऐसे पांव न दो
गुदगुदी होती है
फिर के पांव छूकर बोला
रानी, तुम्हारे पांव तो, मख्खन मलाई के है
ये आजकयअ , उबटन लगा आयी हो
तब ,भैंस ने मन्नू के ऊपर कृपा करते हुए
अपना गोबर उसके सर पर क्र दिया
और शुशु का छिड़काव भी क्र दी
अबतो, बेचारा मन्नू अधमुंसा हो गया
लड़कियों ने झटसे ,
१०० वोल्ट का बल्ब जला दिया
और सब मन्नू पर हंसने लगी
मन्नू ने देखा उसने भैंस कि पूंछ और पांव पकड़कर
अपने प्यार का इजहार किया है
तब वो, अपने सर पर गोबर का लेप किये भगा
ताऊ के तबेले में पीछे से भाग
ताऊ ने कहा , हमार रामदुलारी भैंसवा का
प्यार भी किस्मत से मिलता है
बेचारा मन्नू मुख छिपाते निकला
किन्तु, अर्चना अपना हिसाब पूरा क्र
बहुत खुस थी
उसने लड़कियों का शुक्रिया किया कि
वो, सब उसका बदला लेने में साथ थी
और हमेशा ये गता रहता
दिल नही लगता अकेले में
रम्भा रानी, मिलो तबेले में
ये तमाशा गांव कि लड़कियों ने देखा
पूजा सबकी लीडर बनी
उअर सबने मन्नू से कहा कि
रम्भा ने तुम्हे दुपहरिआ में
ताऊ के तबेले में मिलने
अकेले बुलाया है
मन्नू सांझ तक तो, खुद को
सजाता रहा
मंहगा कुरता पहना
एकदम झकास होकर पहुंचा
अँधेरा हो गया था
पूजा व् सभी लड़कियों ने उसे
तबेले में धकेल दिया
बाहर से फाटक ख़त से बंद क्र दिया
इसबार मन्नू भैस के कदमों में जा पहुंचा
पर प्यार में दिल कि धड़कन तेज हो रही थी
बोला , रम्भा रानी , ये तुम्हारे बालों कि छोटी
कैसी महक रही है
तुम्हारे बाल तो, बहुत रेशम जैसे है
आज क्या मिटटी लगा आयी हो
तब, भैस ने अपना पांव मन्नू के सामने पटका
मन्नू खा गया झटका
बोला, रम्भा रानी , ऐसे पांव न दो
गुदगुदी होती है
फिर के पांव छूकर बोला
रानी, तुम्हारे पांव तो, मख्खन मलाई के है
ये आजकयअ , उबटन लगा आयी हो
तब ,भैंस ने मन्नू के ऊपर कृपा करते हुए
अपना गोबर उसके सर पर क्र दिया
और शुशु का छिड़काव भी क्र दी
अबतो, बेचारा मन्नू अधमुंसा हो गया
लड़कियों ने झटसे ,
१०० वोल्ट का बल्ब जला दिया
और सब मन्नू पर हंसने लगी
मन्नू ने देखा उसने भैंस कि पूंछ और पांव पकड़कर
अपने प्यार का इजहार किया है
तब वो, अपने सर पर गोबर का लेप किये भगा
ताऊ के तबेले में पीछे से भाग
ताऊ ने कहा , हमार रामदुलारी भैंसवा का
प्यार भी किस्मत से मिलता है
बेचारा मन्नू मुख छिपाते निकला
किन्तु, अर्चना अपना हिसाब पूरा क्र
बहुत खुस थी
उसने लड़कियों का शुक्रिया किया कि
वो, सब उसका बदला लेने में साथ थी
Saturday 22 March 2014
Friday 21 March 2014
bnaras ki byar: रम्भा ने रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी ...
bnaras ki byar: रम्भा ने
रम्भा ने मन्नू को लिखा
ये बलम परदेशी
...: रम्भा ने रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी तेरी ऐसी कि टेसी सुनकर। या पढ़कर मन्नू को जो भी लगा ये उसके निजी अहसास है रम...
रम्भा ने मन्नू को लिखा
ये बलम परदेशी
...: रम्भा ने रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी तेरी ऐसी कि टेसी सुनकर। या पढ़कर मन्नू को जो भी लगा ये उसके निजी अहसास है रम...
bnaras ki byar: रम्भा ने रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी ...
bnaras ki byar: रम्भा ने
रम्भा ने मन्नू को लिखा
ये बलम परदेशी
...: रम्भा ने रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी तेरी ऐसी कि टेसी सुनकर। या पढ़कर मन्नू को जो भी लगा ये उसके निजी अहसास है रम...
रम्भा ने मन्नू को लिखा
ये बलम परदेशी
...: रम्भा ने रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी तेरी ऐसी कि टेसी सुनकर। या पढ़कर मन्नू को जो भी लगा ये उसके निजी अहसास है रम...
रम्भा ने
रम्भा ने मन्नू को लिखा
ये बलम परदेशी
तेरी ऐसी कि टेसी
सुनकर। या पढ़कर
मन्नू को जो भी लगा
ये उसके निजी अहसास है
रम्भा कि चिट्ठी पाकर मन्नू और ज्यादा दीवाना हो गया
किन्तु , होश में रहा
गांव कि सारी लड़कियां ने उसे समझाया कि
तुम डॉक्टर अर्चना सिंह को दिखाओ,
वो, तुम्हे रम्भा जका दिल जितने के टोटके सिखाएगी
बेचारा मन्नू क्लिनिक के सामने से डॉक्टर कू घूर घूर ताके
तब, लड़कियों ने उसे सीधे भीतर ठेल दिया
मन्नू जाकर सीधे अर्चना सिंह कि कुर्सी पर गिरा
उसे लड़कियों ने ठेल जो दिया था
अर्चना गुर्राई
मेरे ऊपर गिरे हो ,जल्दी उठो
मन्नू रहकर बोला
तुम उठने नही दे राही हो,
कैसे उठूँ
आपने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया है
अर्चना गुसे में आग होकर बोली
ठहरो , अभी तुम्हे बताती हूँ
तो, मन्नू डरकर बोला
सब तो , देख लिया है , और या
और कितना बताओगी
रम्भा ने गुस्से में जोर लगाकर उसे अपने ऊपर से हटाया
और दो छांटें मारकर बोली
आगे से ऐसी वैसी हरकत कि
या , इधर नज़र भी आये
तो, मुझसे बुरी कोई नही
मन्नू खुदको बचते हुए बोला
नमस्कार , अर्चना जी
तुमसे बुरी कोई नही
ये तो, सिर्फ मेरा दिल जनता है
तबसे अर्चना ने अपना क्लिनिक गुप्त क्र लिया है
रम्भा ने मन्नू को लिखा
ये बलम परदेशी
तेरी ऐसी कि टेसी
सुनकर। या पढ़कर
मन्नू को जो भी लगा
ये उसके निजी अहसास है
रम्भा कि चिट्ठी पाकर मन्नू और ज्यादा दीवाना हो गया
किन्तु , होश में रहा
गांव कि सारी लड़कियां ने उसे समझाया कि
तुम डॉक्टर अर्चना सिंह को दिखाओ,
वो, तुम्हे रम्भा जका दिल जितने के टोटके सिखाएगी
बेचारा मन्नू क्लिनिक के सामने से डॉक्टर कू घूर घूर ताके
तब, लड़कियों ने उसे सीधे भीतर ठेल दिया
मन्नू जाकर सीधे अर्चना सिंह कि कुर्सी पर गिरा
उसे लड़कियों ने ठेल जो दिया था
अर्चना गुर्राई
मेरे ऊपर गिरे हो ,जल्दी उठो
मन्नू रहकर बोला
तुम उठने नही दे राही हो,
कैसे उठूँ
आपने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया है
अर्चना गुसे में आग होकर बोली
ठहरो , अभी तुम्हे बताती हूँ
तो, मन्नू डरकर बोला
सब तो , देख लिया है , और या
और कितना बताओगी
रम्भा ने गुस्से में जोर लगाकर उसे अपने ऊपर से हटाया
और दो छांटें मारकर बोली
आगे से ऐसी वैसी हरकत कि
या , इधर नज़र भी आये
तो, मुझसे बुरी कोई नही
मन्नू खुदको बचते हुए बोला
नमस्कार , अर्चना जी
तुमसे बुरी कोई नही
ये तो, सिर्फ मेरा दिल जनता है
तबसे अर्चना ने अपना क्लिनिक गुप्त क्र लिया है
Wednesday 19 March 2014
Rambha was crazy in Iskh Mannu
Need to follow him day
This action greatly embarrassed Rambha
She explained her alone
Rambha bid, Ray Here
He said, listen, you do not come back AA
If people laugh
What do you know
Mannu said, What do we do
I love you
Rambha then explained
Love is the mother of twins
Go on, do
Mannu said, not love
In Division ray, which is only you
Rambha झुंजलै ,बोली
Do what you, the
Do this as in Ray, Us वर्ण
Expenditure न
V r न
We तेरी खटिया कड़ी क्र देंगी
So सीधी नही , हम
The तुझे दीखटी है
Go अपने मेहरारू से प रे म क्र
Mannu बताया , कि मेहरारू नही है
Which कुछ है ,तुम हो
Mannu ने ये भी बताया कि
Mehraru से जो प रे म करते है
In her hen pecked him कहते है
Rambha ने कहा हमसे शादी क्र लो
So, वो बोला
To marry तो
Sol म प रे म ख़त्म हो जायेगा
Because जो प रे मी होते है
He never शादी नही करते
Rambha बहुत ट्रस्ट हो गयी कि ऐसे
Understanding वाले को कैसे समझाए
Mannu बोला , रम्भा रानी
Marriage गयी तो
The Ray ख़त्म हो जायेगा
When Pa Re म नही तो
Marriage कैसी
Then गांव कि लड़कियों ने मन्नू को डॉक्टर ररचना सिंह के पास भेजा
Mannu डरते राह
'm Too scared to stand up to the doctor's clinic
So,
Tell your problem, gave him lunge
Poor bloke Mannu doctor honored dead we hit Derke
Which, on his chair Newspaper पढ़ रही थी
He,बेचारी मन्नू के बोझसे दब गइओ
Mannu तो परेशां, उठ भी नही
Archana, you wake up, बताती हूँ
Mannu ने मिन्नत की
You अब कुछ मत बताओ
We सब देख लिए है
Archanaa ने तब उसकी जम क्र ठुकाई कि
Quote इतने बड़ी आँखे है
See सकते
Mannu रिरियाया , देखा , तभी तो ये हल हुआ है
No देखता तो , बच जाता
Archana उसे फ़ौरन, क्लिनिक से बाहर क्र दिया
Warning डकर , कभी। इधर आये , तो हमसे बुरी , कोई नही होगी। ....... आगे का
Most ये कि, रम्भा ने उसे ५ छांटें मारकर ठीक क्र दिया
Letter रम्भा के बदले अर्चना अर्चना रत्न लगा था , ओ क
Need to follow him day
This action greatly embarrassed Rambha
She explained her alone
Rambha bid, Ray Here
He said, listen, you do not come back AA
If people laugh
What do you know
Mannu said, What do we do
I love you
Rambha then explained
Love is the mother of twins
Go on, do
Mannu said, not love
In Division ray, which is only you
Rambha झुंजलै ,बोली
Do what you, the
Do this as in Ray, Us वर्ण
Expenditure न
V r न
We तेरी खटिया कड़ी क्र देंगी
So सीधी नही , हम
The तुझे दीखटी है
Go अपने मेहरारू से प रे म क्र
Mannu बताया , कि मेहरारू नही है
Which कुछ है ,तुम हो
Mannu ने ये भी बताया कि
Mehraru से जो प रे म करते है
In her hen pecked him कहते है
Rambha ने कहा हमसे शादी क्र लो
So, वो बोला
To marry तो
Sol म प रे म ख़त्म हो जायेगा
Because जो प रे मी होते है
He never शादी नही करते
Rambha बहुत ट्रस्ट हो गयी कि ऐसे
Understanding वाले को कैसे समझाए
Mannu बोला , रम्भा रानी
Marriage गयी तो
The Ray ख़त्म हो जायेगा
When Pa Re म नही तो
Marriage कैसी
Then गांव कि लड़कियों ने मन्नू को डॉक्टर ररचना सिंह के पास भेजा
Mannu डरते राह
'm Too scared to stand up to the doctor's clinic
So,
Tell your problem, gave him lunge
Poor bloke Mannu doctor honored dead we hit Derke
Which, on his chair Newspaper पढ़ रही थी
He,बेचारी मन्नू के बोझसे दब गइओ
Mannu तो परेशां, उठ भी नही
Archana, you wake up, बताती हूँ
Mannu ने मिन्नत की
You अब कुछ मत बताओ
We सब देख लिए है
Archanaa ने तब उसकी जम क्र ठुकाई कि
Quote इतने बड़ी आँखे है
See सकते
Mannu रिरियाया , देखा , तभी तो ये हल हुआ है
No देखता तो , बच जाता
Archana उसे फ़ौरन, क्लिनिक से बाहर क्र दिया
Warning डकर , कभी। इधर आये , तो हमसे बुरी , कोई नही होगी। ....... आगे का
Most ये कि, रम्भा ने उसे ५ छांटें मारकर ठीक क्र दिया
Letter रम्भा के बदले अर्चना अर्चना रत्न लगा था , ओ क
Tuesday 18 March 2014
bnaras ki byar: मन्नू ने लिखी चिट्ठी रम्भा को क्या लिखा लिखा ...
bnaras ki byar: Mannu wrote what he wrote letters written Rambha ... : Mannu what the letters written Rambha Rambha chakori Written dear pear sweet blonde bowl of milk that makes the heart con ...
मन्नू नाराज रम्भा रानी के बिना व्याकुल रहा
बहुत दिमाग लगाकर एक कविता लिख मारी
लिखा क्या मन्नू ने
मन्नू ने कविता लिखी
रम्भा रानी ,
तेरे बिन दिल नही लगता
कभी तो एके मिल
अकेले में
फिर उसने सुधरकर लिखा
रम्भा रानी
तेरे बिन दिल नही लगता
कभी तो मिल अकेले में
ताऊ के तबेले में
आकर मिल
इसके
इसके बाद रम्भा ने मन्नू को ठीक से समझा दिया है
कि, ऐसी हरकत की तो, खैर नही
आशा है, मन्नू को भैंस कि अक्ल अ जायेगी
उसका दिमाग तबेले से बहार आ जायेगा
बहुत दिमाग लगाकर एक कविता लिख मारी
लिखा क्या मन्नू ने
मन्नू ने कविता लिखी
रम्भा रानी ,
तेरे बिन दिल नही लगता
कभी तो एके मिल
अकेले में
फिर उसने सुधरकर लिखा
रम्भा रानी
तेरे बिन दिल नही लगता
कभी तो मिल अकेले में
ताऊ के तबेले में
आकर मिल
इसके
इसके बाद रम्भा ने मन्नू को ठीक से समझा दिया है
कि, ऐसी हरकत की तो, खैर नही
आशा है, मन्नू को भैंस कि अक्ल अ जायेगी
उसका दिमाग तबेले से बहार आ जायेगा
मन्नू ने लिखी चिट्ठी
रम्भा को
क्या लिखा
लिखा
dear pear
प्यारी रम्भा चकोरी
गोरी गोरी
दूध कि कटोरी
दिल कि करती चोरी
कोई नही तेरे जैसी
तुम्हारा मन्नू
तो ,रम्भा ने तुनककर लिखा
ये मन्नू
नही,
बालम परदेशी
बालम परदेशी
तेरी ऐसी तैसी
जो तेरी नही , रम्भा
ये पत्र पढ़कर मन्नू को तैस आ गया
उसने लिखा
pear
क्या समझती है ,
तू तो है
मेरी भूरि भैंसी जैसी
ये ये पढ़कर रम्भा को बहुत गुस्सा आया
उसने मन्नू को फिर चप्पल से समझाया
मन्नू मन्नू , मन्नू को, बहुत पछतावा हुआ
उसने लिखा , रम्भा रानी
तू तो है
मेरी भूरि भैसी
जैसी वैसी कोई नही
तब से रम्भा मन्नू से नाराज चल रही है
मन्नू में इतना दिमाग नही कि
अपनी महबूबा पर कोई कविता लिख मारे
और रूठी प्रियतमा को मना ले
हमे मन्नू से बहुत सहानुभूति है
रम्भा को
क्या लिखा
लिखा
dear pear
प्यारी रम्भा चकोरी
गोरी गोरी
दूध कि कटोरी
दिल कि करती चोरी
कोई नही तेरे जैसी
तुम्हारा मन्नू
तो ,रम्भा ने तुनककर लिखा
ये मन्नू
नही,
बालम परदेशी
बालम परदेशी
तेरी ऐसी तैसी
जो तेरी नही , रम्भा
ये पत्र पढ़कर मन्नू को तैस आ गया
उसने लिखा
pear
क्या समझती है ,
तू तो है
मेरी भूरि भैंसी जैसी
ये ये पढ़कर रम्भा को बहुत गुस्सा आया
उसने मन्नू को फिर चप्पल से समझाया
मन्नू मन्नू , मन्नू को, बहुत पछतावा हुआ
उसने लिखा , रम्भा रानी
तू तो है
मेरी भूरि भैसी
जैसी वैसी कोई नही
तब से रम्भा मन्नू से नाराज चल रही है
मन्नू में इतना दिमाग नही कि
अपनी महबूबा पर कोई कविता लिख मारे
और रूठी प्रियतमा को मना ले
हमे मन्नू से बहुत सहानुभूति है
Thursday 13 March 2014
Mannu wrote a letter to the winds in the name of Banaras
Originally Posted by Mannu
Life - Love
Sajani. ............
..........
Mannu then unconscious. Brought in a Usehosh ...
Sorry, sir this is a joke
Not Got You
With apologies
That never happens Ynhi
Mannu are cool
're Humming happily at the gate
Hey, at Mannu
Originally Posted by Mannu
Life - Love
Sajani. ............
..........
Mannu then unconscious. Brought in a Usehosh ...
Sorry, sir this is a joke
Not Got You
With apologies
That never happens Ynhi
Mannu are cool
're Humming happily at the gate
Hey, at Mannu
Wednesday 12 March 2014
Sunday 9 March 2014
ginu
jinu
jinu ye bta ki
tu, kr kya rahi
ydi nhi btati
to, mai bta du
tu, is vaqt tea bna rahi
aur tera munnu abhi tujhe
sta kr aram kr raha hai
vo, tujhe vakai me
kabhi parshan krta h
kintu, vo hthi ya jiddi nhi hai
vo, bahut pyara baby hai
ye bta ab, srdard thik hai...
vo, bhi isliye
ki tumhe duniya bhar ke kam
nikalkr krne ka shauk jo hai
kabhi, to chain se raha kr
jinu
jinu ye bta ki
tu, kr kya rahi
ydi nhi btati
to, mai bta du
tu, is vaqt tea bna rahi
aur tera munnu abhi tujhe
sta kr aram kr raha hai
vo, tujhe vakai me
kabhi parshan krta h
kintu, vo hthi ya jiddi nhi hai
vo, bahut pyara baby hai
ye bta ab, srdard thik hai...
vo, bhi isliye
ki tumhe duniya bhar ke kam
nikalkr krne ka shauk jo hai
kabhi, to chain se raha kr
Saturday 8 March 2014
बनारस कि बयार
आपके घरबार में आपका रहे अधिकार
आपको मिलता रहे
ऐसे ही, सबका प्यार
आप अपने संसार में मग्न रहो और
अपने शिशु को खूब खिलाओ
साथ ही, तुम्हारे जो भी
शौक है
आप जो भी करना चाहती है जैसे लिखना या सिखा
सिक्षा का
आप जो भी सीखना, सीखना करना चाहती है अॊको जो भी
कम आता है
आपको, जो भी पसंद है
वो, सब आप करो घर व् दोस्ती के आलावा तुम सभी में संतुलन बनाकर चलो तुम्हारा जीवन सहज खुशियों से जगमगाता रहे
तुम्हे सभी का स्नेह मिले जीवन-साथी का
हर कदम पर साथ व् सहारा मिले
तुम हमेशा जूही के फूल कि तरह खिलो
और हरसिंगार कि तरह सजो
हमेशा रोज मुस्कराती हुई
सपनों में मिलो
आपके घरबार में आपका रहे अधिकार
आपको मिलता रहे
ऐसे ही, सबका प्यार
आप अपने संसार में मग्न रहो और
अपने शिशु को खूब खिलाओ
साथ ही, तुम्हारे जो भी
शौक है
आप जो भी करना चाहती है जैसे लिखना या सिखा
सिक्षा का
आप जो भी सीखना, सीखना करना चाहती है अॊको जो भी
कम आता है
आपको, जो भी पसंद है
वो, सब आप करो घर व् दोस्ती के आलावा तुम सभी में संतुलन बनाकर चलो तुम्हारा जीवन सहज खुशियों से जगमगाता रहे
तुम्हे सभी का स्नेह मिले जीवन-साथी का
हर कदम पर साथ व् सहारा मिले
तुम हमेशा जूही के फूल कि तरह खिलो
और हरसिंगार कि तरह सजो
हमेशा रोज मुस्कराती हुई
सपनों में मिलो
Friday 7 March 2014
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...
bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
एक शब्द भी अच्छे स...: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे से लिखने मुझे वक़त या हालत नही मिलते
Thursday 6 March 2014
आप सपने में आयी
और मुस्करा रही थी क्या बताना छह रही थी क्या
किसी बात से आगाह क्र रही थी, आप
वर्ण , वरना आप यूँ सपने में नही आती
शायद आप कोई सन्देश दे रही हो
जो, भी हो
दिए जलाये
शाम को दहलीज आँगन पर
आपकी सिद्दी पूजा -अर्चना से मुझे
शांति, सुकून, व् सफलता मिले
आप मुझे जिंदगी में बचा सको
यंही, शिव जी से प्राय कीजिये
और मुस्करा रही थी क्या बताना छह रही थी क्या
किसी बात से आगाह क्र रही थी, आप
वर्ण , वरना आप यूँ सपने में नही आती
शायद आप कोई सन्देश दे रही हो
जो, भी हो
दिए जलाये
शाम को दहलीज आँगन पर
आपकी सिद्दी पूजा -अर्चना से मुझे
शांति, सुकून, व् सफलता मिले
आप मुझे जिंदगी में बचा सको
यंही, शिव जी से प्राय कीजिये
Wednesday 5 March 2014
ये कहना कि मई तुम्हारी बुराई नही लिखते या तुम्हारे बारे में बुरा नही लिखती
इसलिए मित्र या हितेषी नही, शत्रु हूँ
ये इल्जाम आपका मुझपर है तो, चलिए
अपनी बुराई सुनने व् पढ़ने के लिए तैयार रहिये
आपकी पहली बुराई ये है, कि आप बहुत शरारती हो
तुम्हारी शरारतों ने ही ,मेरा ध्यान तुम्हारी और खिंचा
दूसरी बुराई के लिए कल का इंतजार करो
चलो चलते ह्यूए बता दूँ,
कि तुमने हमेशा मेरी ख़ुशी के लिए बहुत कुछ किया
ये भी तो तुम्हारी बुराई है
तुम नही मबनोगी
तो, बता दूँ
कि तुमने कितना कुछ किया है मेरे लिए
ये भी तुम्हारी बुराई ही थी,
कि तुमने इतना कुछ सहन किया
और कितनी बुराई गिनाऊँ सच तो ये है
कि बनारस कि बयार
तुम्हारे भीतर बुराई ही बुराई है
अबतो , मई सच्ची मित्र हूँ न
इसलिए मित्र या हितेषी नही, शत्रु हूँ
ये इल्जाम आपका मुझपर है तो, चलिए
अपनी बुराई सुनने व् पढ़ने के लिए तैयार रहिये
आपकी पहली बुराई ये है, कि आप बहुत शरारती हो
तुम्हारी शरारतों ने ही ,मेरा ध्यान तुम्हारी और खिंचा
दूसरी बुराई के लिए कल का इंतजार करो
चलो चलते ह्यूए बता दूँ,
कि तुमने हमेशा मेरी ख़ुशी के लिए बहुत कुछ किया
ये भी तो तुम्हारी बुराई है
तुम नही मबनोगी
तो, बता दूँ
कि तुमने कितना कुछ किया है मेरे लिए
ये भी तुम्हारी बुराई ही थी,
कि तुमने इतना कुछ सहन किया
और कितनी बुराई गिनाऊँ सच तो ये है
कि बनारस कि बयार
तुम्हारे भीतर बुराई ही बुराई है
अबतो , मई सच्ची मित्र हूँ न
Tuesday 4 March 2014
क्यों हिंदुओं से सवाल करने का हक़ छीन
आजाद भारत में हिन्दू इतना द्र
डरा सहमा व् लचर हिन्दू क्यों है
हिन्दू होना एक क्यों है क्यों कोई भी हिन्दू को धकिया देता है
हिन्दू पर इतने इल्जाम व् तोहमत क्यों है
क्यों सारे राजनीती वाले हिंदुओं को आँखें दिखाते है क्यों हिन्दुओ को डरना सिखाते है
क्यों हिंदुओं के गुरुकुल ही उजड़े जाते है
हिन्दू क्यों अपने इतिहास को नही जनता
क्यों वो, महाराणा प्रताप और झाँसी कि रानी को नही जानता
आजाद भारत में हिन्दू इतना द्र
डरा सहमा व् लचर हिन्दू क्यों है
हिन्दू होना एक क्यों है क्यों कोई भी हिन्दू को धकिया देता है
हिन्दू पर इतने इल्जाम व् तोहमत क्यों है
क्यों सारे राजनीती वाले हिंदुओं को आँखें दिखाते है क्यों हिन्दुओ को डरना सिखाते है
क्यों हिंदुओं के गुरुकुल ही उजड़े जाते है
हिन्दू क्यों अपने इतिहास को नही जनता
क्यों वो, महाराणा प्रताप और झाँसी कि रानी को नही जानता
bnaras ki byar: मुम्बई में हूँ यंहा मुम्बई में हूँ ये वो सब नही ...
bnaras ki byar: मुम्बई में हूँ
यंहा मुम्बई में हूँ
ये वो सब नही ...: मुम्बई में हूँ यंहा मुम्बई में हूँ ये वो सब नही जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या पढ़ाया जा रहा सच क्या झूठ क्या वो, पाठ्य पुस्तक...
यंहा मुम्बई में हूँ
ये वो सब नही ...: मुम्बई में हूँ यंहा मुम्बई में हूँ ये वो सब नही जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या पढ़ाया जा रहा सच क्या झूठ क्या वो, पाठ्य पुस्तक...
मुम्बई में हूँ
यंहा मुम्बई में हूँ
ये वो सब नही
जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या
पढ़ाया जा रहा
सच क्या
झूठ क्या
वो, पाठ्य पुस्तकों के गीत क्या
और कविता क्या
मई सोचती हूँ कंहा है प्रेमचंद
कंहा है , रविन्द्र
कंहा है, सुभाष
और कंहा है भगतसिंह
मई ये किस देश में हु वो, हल ले जाते
किशानों के दृश्य
वो गौओं के बेफिक्र झुण्ड कंहा है वो, रम्भाती
पिन्हाती गौएँ कंहा है
जो गोधूलि कि बेला में लौटती थी तो, बछड़ों
को उनके लिए उछलते दौड़ते देखते थे
वो, मेरा प्यारा देश कंहा खो गया है
यंहा मुम्बई में हूँ
ये वो सब नही
जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या
पढ़ाया जा रहा
सच क्या
झूठ क्या
वो, पाठ्य पुस्तकों के गीत क्या
और कविता क्या
मई सोचती हूँ कंहा है प्रेमचंद
कंहा है , रविन्द्र
कंहा है, सुभाष
और कंहा है भगतसिंह
मई ये किस देश में हु वो, हल ले जाते
किशानों के दृश्य
वो गौओं के बेफिक्र झुण्ड कंहा है वो, रम्भाती
पिन्हाती गौएँ कंहा है
जो गोधूलि कि बेला में लौटती थी तो, बछड़ों
को उनके लिए उछलते दौड़ते देखते थे
वो, मेरा प्यारा देश कंहा खो गया है
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