Saturday 29 March 2014

Heera - Main Tujhse Milne Aayee Mandir Jane Ke - Mohd Rafi - Lata Manges...

प्यार में मुक्ति का 
कम महतव नही है 

bnaras ki byar: प्यार में हो खट्टे मीठे अहसास किन्तु, न हो कभी ...

bnaras ki byar: प्यार में हो 
खट्टे मीठे अहसास 
किन्तु, न हो कभी 
...
: प्यार में हो  खट्टे मीठे अहसास  किन्तु, न हो कभी  तुम्हारी उन्मुक्तता को ग्रहण  तभी प्यार को मिलेगा  एक न्य आयाम  वर्ण प्यार अभिशाप व...
प्यार में हो 
खट्टे मीठे अहसास 
किन्तु, न हो कभी 
तुम्हारी उन्मुक्तता को ग्रहण 
तभी प्यार को मिलेगा 
एक न्य आयाम 
वर्ण प्यार अभिशाप व् 
जकड़न हो जायेगा 
जा, तुझे 
अपने जीवन जीने कि 
मुक्ति मिले 
तू, उस प्यार से मुक्त हो 
जिसमे तेरा दम घुटे 
सच , 
तेरे लिए 
तेरा जीवन 
मेरे प्यार से ज्यादा 
महत्वपूर्ण हो 
क्योंकि, 
प्यार भी 
जीवन के लिए होगा 
प्यार में तुम, किसी को 
इतना प्यार नही करना 
कि वो खुद को 
पराधीन और बेबस महसूस करे 
वर्ण वो प्यार नही 
वर्ण , एक गुलामी होगी 

Friday 28 March 2014

Naya Raasta - Poonchh Kar Ashq Apni Aankhon Se - Mohd.Rafi

bnaras ki byar: voवो , तेरा धुंध वो, तेरा दुधमुंहा शिशु जो, तेर...

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वो , तेरा धुंध 
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु 
जो, तेर...
: vo वो , तेरा धुंध  वो, तेरा दुधमुंहा शिशु  जो, तेरे जैसा दीखता है  बिलकुल , तेरी तरह है  जिसके होंठ , और मुख भी  तेरी तरह है  वो, ते...
vo
वो , तेरा धुंध 
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु 
जो, तेरे जैसा दीखता है 
बिलकुल , तेरी तरह है 
जिसके होंठ , और मुख भी 
तेरी तरह है 
वो, तेरे जैसा ही मुस्कराता है 
तुझे देखकर हँसता है 
तेरी गोद में मचलता है 
उसके होंठों में 
दूध कि महक रहती है 
मुख में दूध लिप्त होता है 
जैसे कि, कान्हा 
दूध कि मटकी में 
हाथ दाल क्र 
माखन अपने अधरों 
में लपेटे हो 
उसकी दुधमुंही हंसी 
सरल और स्निग्ध 
उसकी चंचल ,
चपल , मनभावन हंसी 
और उसका मुट्ठियों में 
तेरी चुनर को 
लपेट क्र खींचना 
अरे, वो बावला 
तेरी तरह उधमची है 
क्या क्या बताऊं 
उसकी मुस्कराहट 
उसकी काजल रंगी आँखे 
भी, तो, तेरी तरह 
रशिली और 
चपल है 
आज इतना ही 
renu renu 
knha hai, tu 
jldi se aaja
वो, तेरा दूध मुंह 
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु 
गोद में खलता 
मचलता 
अपनी मुट्ठियों में 
अंगलियों को, उमेठता 
वो, रोता , हँसता 
उसकी मुस्कराहट में  क्या सुख नही मिलता 

Thursday 27 March 2014

किताबों में रखे 
फूलों कि तरह 
किसी कि यादों को 
दिल में सहेजकर रखा है 

Anand - Kahin Door Jab Din Dhal Jaaye Saanj - Mukesh

bnaras ki byar: तुम साथ नही हो फिर भी तुम साथ साथ महसूस होती हो ...

bnaras ki byar: तुम साथ नही हो 
फिर भी तुम साथ साथ 
महसूस होती हो ...
: तुम साथ नही हो  फिर भी तुम साथ साथ  महसूस होती हो  यंही है  तुम्हारे साथ होने का  अहसास , अपने आसपास  जिसे अपने से विलग करना  सम्भव ...
तुम साथ नही हो 
फिर भी तुम साथ साथ 
महसूस होती हो 
यंही है 
तुम्हारे साथ होने का 
अहसास , अपने आसपास 
जिसे अपने से विलग करना 
सम्भव नही 
जीवन में तुम 
हमेशा से मौजूद हो 
क्योंकि, तू हो 
मेरा जीवट 
जीवन-धन 
जैसे मेरे मन ने 
तुमे संभल रखा है 
ये जीवन इसी तरह से चलता है 
कि जिसकी चाहत होती है 
वो 
वो , कब किसे यंहा मिलता है 
ये अहसास मन में हमेशा से पलटा है 
कि, जो साथ नही 
फिरभी वो , साथ साथ 
चलता है 
चाहे कितनी ही दूर हो 
इसे हितो ,
कहते है कि तुमसे दिल का 
दिल का रिस्ता है 
कि, तुम हमेशा 
मन में घर में 
आँगन में 
सभी जगह साथ हो 
लहकती हुयी 
बोगनवालिया कि बेल कि तरह 
इससे क्या फर्क पड़ता है कि तुम साथ नही हो 
तुम साथ थी 
घर में और जीवन में भी 
इन सबसे क्या फर्क पड़ता है 
कि तुम साथ नही हो 
जैसे जन्दगी 
बिना जीवन के हो 
सांसे बिना धड़कन के हो 
फिर भी जीवन 
चल रहा है 
क्या हुआ जो, तुम साथ नही हो 
बनारस
बनारस 
बनारस कि बयार 
यदि ये सोचती हो कि 
कोई तुम्हे प्यार कि अधम 
अध् में छलकर रहा है 
तो, उसके प्यार को 
ठुकरा दो 
मत स्वीकार करना 
क्योंकि, तुम मजबूर नही हो 
तुम स्वतंत्र हो 
अपने प्यार से भी 
यदि ये महसूस हो कि जो, प्यार जता रहा है 
वो , प्रणयी नही शिकारी है 
तो, मत कीजिये 
उसका प्रेम स्वीकार 

bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जी...

bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो 
और प्यार को प्यार से जी...
: प्यार को प्यार से रहने दो  और प्यार को प्यार से जीने दो  कभी  कभी प्यार से कहने दो  कभी प्यार सेसुनने दो  यदि प्यार है तो  प्यार रहेग...

bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो और प्यार को प्यार से जी...

bnaras ki byar: प्यार को प्यार से रहने दो 
और प्यार को प्यार से जी...
: प्यार को प्यार से रहने दो  और प्यार को प्यार से जीने दो  कभी  कभी प्यार से कहने दो  कभी प्यार सेसुनने दो  यदि प्यार है तो  प्यार रहेग...

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और प्यार को प्यार से जी...
: प्यार को प्यार से रहने दो  और प्यार को प्यार से जीने दो  कभी  कभी प्यार से कहने दो  कभी प्यार सेसुनने दो  यदि प्यार है तो  प्यार रहेग...

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और प्यार को प्यार से जी...
: प्यार को प्यार से रहने दो  और प्यार को प्यार से जीने दो  कभी  कभी प्यार से कहने दो  कभी प्यार सेसुनने दो  यदि प्यार है तो  प्यार रहेग...

Mohammad Rafi - Dil Ki Awaaz Bhi Sun Mere Fasanay Pay Na Ja

ye 
ये स्वेत स्याम रतनारे 
नयन तुम्हारे कजरारे 
प्यार को प्यार से रहने दो 
और प्यार को प्यार से जीने दो 
कभी 
कभी प्यार से कहने दो 
कभी प्यार सेसुनने दो 
यदि प्यार है तो 
प्यार रहेगा 
वर्ण तकरार से क्या हासिल है 
मुझे सिर्फ प्यार से \प्यार के लिए 
प्यार में 
प्यार में जीने दो 
प्यार न रहे तो 
जीना दुस्वार होगा 
जिंदगी से प्यार हो 
इसलिए तुम 
अपने से प्यार करने दो 
प्रश्न ये नही कि तू चाहे या नही 
प्रश्न ये है कि 
मेरे मन प्यार है या नही 
यदि , मुझमे प्यार है 
तभी प्यार का क ख ग महसूस होगा 
यदि हमारे भीतर प्यार नही हो 
तो, कोई कितना ही प्यार करे 
हम उसे नही प् सकते 
इसलिए प्यार को 
प्यार से महसूस करने दो 
ये प्यार ही हमारे जीने के बाद 
हमारी मरतु के बाद 
म्रत्यु के बाद जीवित रहेगा 
यदि, प्यार नही है 
तो, शायद हमारे बाद 
हम नही बचेंगे 
अगरबत्ती के धुंए जितनी देर भी 
इशलिये 
आज तुम मुझे 
अपने प्यार के लिए 
  नही होगा कि ये 
कि ये प्यार  
 ये प्रश्न नेपथ्य में रहने दो 

Tuesday 25 March 2014

You disregard phrases that Chunnu 
She loved all the neighborhood is rajdulara 
Now they do not even rise further, 
Bajuwale see TI's daughter-in-law 
He will come to bloom 
And even को देख 
Smiling ये चुन्नू ने सारे मोहल्ले को 
Deewana बना रखा है 
ये तुझे कुछ समझ आ रहा कि नही 
तुम्हारा सजसरीनगर ख़त्म नही होगा 
भले चुन्नू मिल्क-डेरी के लिए रोता रहे 
तुझे कंहा परवाह है 
चुन्नू कि हमेशा हंसते मुस्कराता 
सारे घर मोहल्ले का जी जो 
बहलाता है उसके भूख प्यास 
और शुशु करकर 
जो, थप थप जमीन पर करते रहता है 
फिर वंही नन्हे से हाथ 
मुम्ह में लगा लेता है 
आप सबको तो 
उसकी हरकतों पर मजे लेना है, बस 
चलो चुन्नू को 
उसका सामान दे दो 
जिसपर उसका नैसर्गिक हक़ है 

Monday 24 March 2014

ये रोज इतना काम मत किया क्र 
नये नये कम ले आती है 
पहले चुन्नू पर ध्यान दे 
समझ में आ रहा है 
या समझऔ 
रात दिन घर के कम में 
उलझती रहती है 
चुन्नू पर ध्यान नही तेरा 
वो, मचले तो 
पहले उसे देख 
चुन्नू कि मिल्क-डेरी किधर है 
सिर्फ तू है 
मेरे दुखों का इलाज 
ऐसा तो नही 
तू है परवाज 

bnaras ki byar: एक तेरे होने से दुखों कि बदली छंट जाती है तेरे ह...

bnaras ki byar: एक तेरे होने से 
दुखों कि बदली छंट जाती है 
तेरे ह...
: एक तेरे होने से  दुखों कि बदली छंट जाती है  तेरे होठों पर मचलती  खिली खिली हंसी  ये हसीना  तू है, बेहद हंसी 
एक तेरे होने से 
दुखों कि बदली छंट जाती है 
तेरे होठों पर मचलती 
खिली खिली हंसी 
ये हसीना 
तू है, बेहद हंसी 
इसबार मन्नू ने रम्भा को चिट्ठी लिखी 
pear 
जब भी तुम दिखती हो , बूटीफुल 
beautyful 
मेरे दिमाग कि बत्ती 
हो जाती है गुल 
रम्भा ने उलटकर जवाब दिया 
ऐसे आशिक पर 
मई डालती हूँ धूल 
बनारस कि बयार 
बनारस की बयार 
अबकी बार जिंदगी में आना 
तो, लौटके मत जाना 
सच 
रम्भा 
रम्भा जब अकेले में अपने मुंहबोले आशिक से मिली तो 
बोली, ये सजनवा , कंहा है , हमार 
मोबीएलवा 
मोबिलवा 

bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी त...

bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है 
कविता थी 

त...
: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है  कविता थी  तुम चित्त थी,  तब मई पस्त था  वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था  गांव के मनचलों ने इस कविता ...

bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है कविता थी त...

bnaras ki byar: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है 
कविता थी 

त...
: मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है  कविता थी  तुम चित्त थी,  तब मई पस्त था  वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था  गांव के मनचलों ने इस कविता ...
ये बनारस कि बयार 
अबतो तरस खा 
जिंदगी में फिरसे लौटके आजा 
सच तेरे बिना सुना सुना है 
मेरा जंहा 
जंहा तेरे बिन होते है 
सिर्फ उदाशी , और 
मन वीरान 

Sunday 23 March 2014

bnaras ki byar: HereMeanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला...

bnaras ki byar: Here
Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला...
: Here Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला  These रहसय भी गांव में आम हो गया कि अर्चना  Archanaa ने अपने मंगेतर के नाम को कैसे स...
Here
Meanwhile, the doctor Archana ख़िताब कैसे मिला 
These रहसय भी गांव में आम हो गया कि अर्चना 
Archanaa ने अपने मंगेतर के नाम को कैसे सही किया 
First लिखा होता था, इस्थर में 
Impotent डॉक्टर राणा से मिले 
Archanaa ने जाकर तख्ती से ना को मिटा दिया 
Now इश्तहार हुआ 
Only मर्द डॉक्टर राणा से मिले 
Since then, अर्चना को गांव की डॉक्टर माना गया 
The डॉक्टर राणा को मर्द कि डिग्र्री दी 
And गांव कि नमी डॉक्टर बन गयी 
Not only 
Bas tau also 
PhD 
These 
Because 
To Mannu 
That,
These तेरी तो 
सजनी सभा के कार्यक्रम में रम्भा अर्चना से मिली 
उसने अर्चना को बधाई दी कि ,
कमसेकम उसने मनचले आशिक को 
अपना सबक सिखाया 
 बहार का रास्ता दिखाया 

रम्भा ने 
रम्भा 
रम्भा 
रम्भा ने अर्चना से पूछ कि 
वो, मन्नू को कैसे जानती है 
इसपर अर्चना का जवाब था 
कि, मन्नू उसका मुंह बोला मजनू है 
सुनकर रम्भा ने भी माना कि 
मन्नू उसका ,मुंहबोला आशिक है 
इस बदमासी के विरुद्ध रम्भा ने खोला मोर्चा 
और अपनी सजनी सभा में एक कविता 
जवाब में सुनाई 
रम्भा ने लिखा 
वो मामला विकत था 
मुझे ऐसा लगा , देखके तुझे 
कि, रेल में मुसाफिर 
बेटिकट था 
इस कविता को 
सजनी सभा ने पुरस्कृत किया 
मन्नू की कविता को अवार्ड दिया गया है 
कविता थी 

तुम चित्त थी, 
तब मई पस्त था 
वो, लम्हा बहुत खूबसूरत था 

गांव के मनचलों ने इस कविता के लिए 
मन्नू को पदमश्री मजनूं काव्य रसिक से नवाजा है 
बनरा कि बयार 
यद् है 
जब तुमने हाफ कप चाय दी थी 
ये पूछने पर कि 
क्या आपको , कुछ बनाते आता है 
तुमने वो टी दी थी 
कितना चुपके से गुजर गये 
वो, लम्हे तुम्हारी शरारतों से। । आजभी लगता है 
कि, तुम पास हो, 
नही हो , यदि दूर हो तब भी 
दिल में हो 
बनारस कि बयार 
रूठना नही 
कभी मिलना जरुर 
मन्नू ने अर्चना से ये लिखकर माफ़ी मांगी कि तुम चित 
थी, मई पस्त था 
वो लम्हा कितना खूबसूरत था 
अर्चना ने उसे झाड़ पिलायी 
वो, पल बहुत विकत था 
जैसे रेल में 
तू मुसाफिर बे-टिकट था 

bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता ...

bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया 
और हमेशा ये गता ...
: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया  और हमेशा ये गता रहता  दिल नही लगता अकेले में  रम्भा रानी, मिलो तबेले में  ये तमाशा गांव कि लड़कियों न...

bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया और हमेशा ये गता ...

bnaras ki byar: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया 
और हमेशा ये गता ...
: मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया  और हमेशा ये गता रहता  दिल नही लगता अकेले में  रम्भा रानी, मिलो तबेले में  ये तमाशा गांव कि लड़कियों न...
मन्नू रम्भा के लिए दीवाना हो गया 
और हमेशा ये गता रहता 
दिल नही लगता अकेले में 
रम्भा रानी, मिलो तबेले में 

ये तमाशा गांव कि लड़कियों ने देखा 
पूजा सबकी लीडर  बनी 
उअर सबने मन्नू से कहा कि 
रम्भा ने तुम्हे दुपहरिआ में 
ताऊ के तबेले में मिलने 
अकेले बुलाया है 
मन्नू सांझ तक तो, खुद को 
सजाता रहा 
मंहगा कुरता पहना 
एकदम झकास होकर पहुंचा 
अँधेरा हो गया था 
पूजा व् सभी लड़कियों ने उसे 
तबेले में धकेल दिया 
बाहर से फाटक ख़त से बंद क्र दिया 

इसबार मन्नू भैस के कदमों में जा पहुंचा 
पर प्यार में दिल कि धड़कन तेज हो रही थी 
बोला , रम्भा रानी , ये तुम्हारे बालों कि छोटी 
कैसी महक रही है 
तुम्हारे बाल तो, बहुत रेशम जैसे है 
आज क्या मिटटी लगा आयी हो 
तब, भैस ने अपना पांव मन्नू के सामने पटका 
मन्नू खा गया झटका 
बोला, रम्भा रानी , ऐसे पांव न दो 
गुदगुदी होती है 
फिर के पांव छूकर बोला 
रानी, तुम्हारे पांव तो, मख्खन मलाई के है 
ये आजकयअ , उबटन लगा आयी हो 
तब ,भैंस ने मन्नू के ऊपर कृपा करते हुए 
अपना गोबर उसके सर पर क्र दिया 
और शुशु का छिड़काव भी क्र दी 
अबतो, बेचारा मन्नू अधमुंसा हो गया 
लड़कियों ने झटसे ,
१०० वोल्ट का बल्ब जला दिया 
और सब मन्नू पर हंसने लगी 
मन्नू ने देखा उसने भैंस कि पूंछ और पांव पकड़कर 
अपने प्यार का इजहार किया है 
तब वो, अपने सर पर गोबर का लेप किये भगा 
ताऊ के तबेले में पीछे से भाग 
ताऊ ने कहा , हमार रामदुलारी भैंसवा का 
प्यार भी किस्मत से मिलता है 
बेचारा मन्नू मुख छिपाते निकला 
किन्तु, अर्चना अपना हिसाब पूरा क्र 
बहुत खुस थी 
उसने लड़कियों का शुक्रिया किया कि 
वो, सब उसका बदला लेने में साथ थी 

Saturday 22 March 2014

मुझे अपनी खोई हुयी कविता मिल गयी है 
ये मेरी और से उपहार है 
बताओ तो 
मेरी कवितायेँ कंहा खो गयी है 
वो, मेरी तपस्या थी 
क्या कौन चोरके ले गया और क्यों 
pear 
koi meri poetry ko chura le gya hai 
ye mere liye sadme ki bat hai
mai apni kavita talash rahi hu
मेरी कविताये कंहा है दिख नही रही
आप बताये , कंहा गयी सब कविता 

Friday 21 March 2014

अभी लिखी थी उसे कौन खा गया 

bnaras ki byar: रम्भा ने  रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी ...

bnaras ki byar: रम्भा ने  
रम्भा ने मन्नू को लिखा 
ये बलम परदेशी 
...
: रम्भा ने   रम्भा ने मन्नू को लिखा  ये बलम परदेशी  तेरी ऐसी कि टेसी  सुनकर।  या पढ़कर  मन्नू  को जो भी लगा  ये उसके निजी अहसास है  रम...

bnaras ki byar: रम्भा ने  रम्भा ने मन्नू को लिखा ये बलम परदेशी ...

bnaras ki byar: रम्भा ने  
रम्भा ने मन्नू को लिखा 
ये बलम परदेशी 
...
: रम्भा ने   रम्भा ने मन्नू को लिखा  ये बलम परदेशी  तेरी ऐसी कि टेसी  सुनकर।  या पढ़कर  मन्नू  को जो भी लगा  ये उसके निजी अहसास है  रम...
रम्भा ने  
रम्भा ने मन्नू को लिखा 
ये बलम परदेशी 
तेरी ऐसी कि टेसी 

सुनकर।  या पढ़कर 
मन्नू  को जो भी लगा 
ये उसके निजी अहसास है 
रम्भा कि चिट्ठी पाकर मन्नू और ज्यादा दीवाना हो गया 
किन्तु , होश में रहा 

गांव कि सारी लड़कियां ने उसे समझाया कि 
तुम डॉक्टर अर्चना सिंह को दिखाओ, 
वो, तुम्हे रम्भा जका दिल जितने के टोटके सिखाएगी 

बेचारा मन्नू क्लिनिक के सामने से डॉक्टर कू घूर घूर ताके 
तब, लड़कियों ने उसे सीधे भीतर ठेल दिया 

मन्नू जाकर सीधे अर्चना सिंह कि कुर्सी पर गिरा 
उसे लड़कियों ने ठेल जो दिया था 
अर्चना गुर्राई 
मेरे ऊपर गिरे हो ,जल्दी उठो 
मन्नू रहकर बोला 
तुम उठने नही दे राही हो, 
कैसे उठूँ 
आपने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया है 
अर्चना गुसे में आग होकर बोली 
ठहरो , अभी तुम्हे बताती हूँ 
तो, मन्नू  डरकर बोला 
सब तो , देख लिया है , और या 
और कितना बताओगी 
रम्भा ने गुस्से में जोर लगाकर उसे अपने ऊपर से हटाया 
और दो छांटें मारकर बोली 
आगे से ऐसी वैसी हरकत कि 
या , इधर नज़र भी आये 
तो, मुझसे बुरी कोई नही 
मन्नू खुदको बचते हुए बोला 
नमस्कार , अर्चना जी 
तुमसे बुरी कोई नही 
ये तो, सिर्फ मेरा दिल जनता है 
तबसे अर्चना ने अपना क्लिनिक गुप्त क्र लिया है 

Wednesday 19 March 2014

Rambha was crazy in Iskh Mannu 
Need to follow him day 
This action greatly embarrassed Rambha 
She explained her alone 
Rambha bid, Ray Here 
He said, listen, you do not come back AA 
If people laugh 
What do you know 
Mannu said, What do we do 
I love you 
Rambha then explained 
Love is the mother of twins 
Go on, do 
Mannu said, not love 
In Division ray, which is only you 
Rambha झुंजलै ,बोली 
Do what you, the 
 Do this as in Ray, Us वर्ण 
Expenditure न 
 V r न 
We तेरी खटिया कड़ी क्र देंगी 
So सीधी नही , हम 
The तुझे दीखटी  है 
Go अपने मेहरारू  से प रे म क्र 
Mannu बताया , कि मेहरारू नही है 
Which कुछ है ,तुम हो 
Mannu ने ये भी बताया कि 
Mehraru से जो प रे म करते है 
In her hen pecked him कहते है 

Rambha ने कहा हमसे शादी क्र लो 
So, वो बोला 
To marry तो 
Sol म प रे म ख़त्म हो जायेगा 
Because जो प रे मी होते है 
He never शादी नही करते 
Rambha बहुत ट्रस्ट हो गयी कि ऐसे 
Understanding वाले को कैसे समझाए 
Mannu बोला , रम्भा रानी 
 Marriage गयी तो 
The Ray ख़त्म हो जायेगा 
When Pa Re म नही तो 
Marriage कैसी 

Then गांव कि लड़कियों ने मन्नू को  डॉक्टर ररचना सिंह के पास भेजा 

Mannu डरते राह 
'm Too scared to stand up to the doctor's clinic 
So, 
Tell your problem, gave him lunge 
Poor bloke Mannu doctor honored dead we hit Derke 
Which, on his chair Newspaper पढ़ रही थी 
He,बेचारी मन्नू के बोझसे दब गइओ 
Mannu तो परेशां, उठ भी नही 
 Archana, you wake up, बताती हूँ 
Mannu ने मिन्नत की 
You अब कुछ मत बताओ 
We सब देख लिए है 
Archanaa ने तब उसकी जम क्र ठुकाई कि 
Quote इतने बड़ी आँखे है 
See सकते 
Mannu रिरियाया , देखा , तभी तो ये हल हुआ है 
No देखता तो , बच जाता 
Archana उसे फ़ौरन, क्लिनिक से बाहर क्र दिया 
Warning डकर , कभी। इधर आये , तो हमसे बुरी , कोई नही होगी। ....... आगे का 
Most ये कि, रम्भा ने उसे ५ छांटें मारकर ठीक क्र दिया 
Letter रम्भा के बदले अर्चना अर्चना रत्न लगा था , ओ क 

Tuesday 18 March 2014

bnaras ki byar: मन्नू ने लिखी चिट्ठी रम्भा को क्या लिखा लिखा  ...

bnaras ki byar: Mannu wrote what he wrote letters written Rambha ... : Mannu what the letters written Rambha Rambha chakori Written dear pear sweet blonde bowl of milk that makes the heart con ...
मन्नू नाराज रम्भा रानी के बिना व्याकुल रहा 
बहुत दिमाग लगाकर एक कविता लिख मारी 
लिखा क्या मन्नू ने 
मन्नू ने कविता लिखी 
रम्भा रानी ,
तेरे बिन दिल नही लगता 
कभी तो एके मिल 
अकेले में 
               फिर उसने सुधरकर लिखा 
रम्भा रानी 
तेरे बिन दिल नही लगता 
कभी तो मिल अकेले में 
ताऊ के तबेले में 
आकर मिल 
                    
इसके 
इसके बाद रम्भा ने मन्नू को ठीक से समझा दिया है 
कि, ऐसी हरकत की तो, खैर नही           
आशा है, मन्नू को भैंस कि अक्ल अ जायेगी 
उसका दिमाग तबेले से बहार आ जायेगा 
मन्नू ने लिखी चिट्ठी 
रम्भा को 
क्या लिखा 
लिखा 
           dear pear 
प्यारी रम्भा चकोरी 
गोरी गोरी 
दूध कि कटोरी 
दिल कि करती चोरी 
कोई नही तेरे जैसी 
                 तुम्हारा मन्नू 

तो ,रम्भा ने तुनककर लिखा 
ये मन्नू 
नही,
              बालम परदेशी 
बालम परदेशी 
तेरी ऐसी तैसी 
                    जो तेरी नही , रम्भा 

ये पत्र पढ़कर मन्नू को तैस आ गया 
उसने लिखा 
                   pear 
क्या समझती है , 
तू तो है 
मेरी भूरि भैंसी जैसी 
               
ये  ये पढ़कर रम्भा को बहुत गुस्सा आया 
उसने मन्नू को फिर चप्पल से समझाया 

मन्नू मन्नू , मन्नू को, बहुत पछतावा हुआ 
उसने लिखा , रम्भा रानी 
तू तो है 
मेरी भूरि भैसी 
जैसी वैसी कोई नही 

                तब से रम्भा मन्नू से नाराज चल रही है 
मन्नू में इतना दिमाग नही कि 
अपनी महबूबा पर कोई कविता लिख मारे 
और रूठी प्रियतमा को मना ले 
हमे मन्नू से बहुत सहानुभूति है 
बनारस कि बयार 
बनारस कि बयार को 
जीनु नही लिखेंगे 
उसे पियर नाम देते है 
आजसे बनारस कि बयार के लिए 
जीनु नही 
pear लिखा जा रहा है 

Monday 17 March 2014

आज तुम भी साथ नही 
वक़त भी, नही 
पता होता 
अच्छा होता 
सब ठीक होता 

Thursday 13 March 2014

फूलों पर ये इल्जाम है वो 
दिल चुरा लेते है 
कंही, ये इल्जाम तुमपर तो नही 
 Mannu
Mannu 
Enjoy Mannu 
Do not Vori 
You have not Udash 
Banaras the breeze 
So, बस है 
Which जाती रहती है 
You हमेशा जिन्दा-दिल रहना है 
You खुश रहो 
So,बनारस कि बयार का भी 
Its जिंदगी में दिल लगेगा 
Understand कि नही 
You हमेशा होश में रहना है 
Please मन्नू तुम स्वस्थ रहो 
Then बनारस कि बयार भी खुश रहेगी 
Mannu wrote a letter to the winds in the name of Banaras 
Originally Posted by Mannu 

Life - Love 
Sajani. ............ 
.......... 


Mannu then unconscious. Brought in a Usehosh ... 
Sorry, sir this is a joke 
Not Got You 
With apologies 
That never happens Ynhi 
Mannu are cool 
're Humming happily at the gate 
Hey, at Mannu  
एक घर होता 
तो, तुझे सौंप देते 
पर वो घर मेरा नही है 
एक तो
एक तो फाल्गुन कि शुक्ल पक्ष कि 
रातों का मधुरतम अहसास 
और तुम नही हो पास 
जीनु 


जीनु 
जीनु 
तेरे बिन
पल पल गिनु  
तुम्हारा प्यारा होना 
और तुम्हारा प्रेम में होना 
क्या दो अलग बात है 
क्या करूं  धन्यवाद 
ये ये, तू है 
मेरी  प्र्तेक साँस के लिए 
तुझसे मिली है जिंदगी 
तुझे सौंप दूंगी 
किन्तु, कुछ फ़र्ज़ है निभाने 
जो बहुत जरुरी है 
सुबह सुबह कोई तुम्हे दांते तो, कैसा लगेगा 
मुझे अच्छा नही लगता 
तुम्हे कोई प्यार से भी नही दांते 
बनारस कि बयार 
तुम तेलगु में पापड़ बैलके दिखाओ 

Wednesday 12 March 2014

ए सुन 
मेरा ब्लॉग का पास्वोर्ड कोई बदल रहा 
प्लीज उसे ठीक करना 
जरा देखना 
परेशां हो रही हु 
नही पता कौन क्र रहा था ये सब 
ये सुन तो
ये सुन तो , 
थोडा मुस्कराकर 
देखतो, ले 
जीनु 
रोज एक कविता 
या एक लैटर का वादा था 
देख निभाना है 
लिखना है 
एक कविता रोज तेरे लिए 
ये बता इतने ढेर सारे काम 
तुम क्यों क्र निकल लेती हो 
कभी तो चैन से रहा करो 
ये तुम्हारे चुन्नू के रेस्ट का समय है 
उठते ही सारे मोहल्ले भर का 
चक्कर लगाएगा 
अभी जरा उसे चलने भर दे 
फिर देखना ,
तेरे नटखट कि मस्ती 

Sunday 9 March 2014

अब कविता नही लिख रही किन्तु बनारस कि बयार के नाम १०० प्रेमपत्र लिख रहे है 
आप भी इन प्रेम पत्रों का जायजा लीजिये 
मजा अ जायेगा 
कल, से ये सृंखला शुरू होगी 
ginu
jinu 
jinu ye bta ki
tu, kr kya rahi 
ydi nhi btati 
to, mai bta du 
tu, is vaqt tea bna rahi
aur tera munnu abhi tujhe
sta kr aram kr raha hai 
vo, tujhe vakai me
kabhi parshan krta h
kintu, vo hthi ya jiddi nhi hai
vo, bahut pyara baby hai
ye bta ab, srdard thik hai...
vo, bhi isliye 
ki tumhe duniya bhar ke kam
nikalkr krne ka shauk jo hai 
kabhi, to chain se raha kr
तेरे पास तेरा घर 
और मेरे लिए 
तेरे घर कि डगर 
तेरे
तेरे
तेरे
तेरे
अरे लिखने दे 
कैसी करती है 
तेरे पास तेरा घर है 
मेरे पास तेरी स्मृति 
तेरा सपनों तक सिमित हो जाना , भी था 
एक ऐसा सच, जिसे न चाहकर भी स्वीकार लिया 
एक तुम हो 
जो सपनों में भी मिलती हो 
तो, जिंदगी कि चहलकदमी  हो जाती है 
क्या इसी तरह सपनों से 
जिंदगी मिलती रहेगी 

Saturday 8 March 2014

बनारस कि बयार 
आपके घरबार में आपका रहे अधिकार 
आपको मिलता रहे 
ऐसे ही, सबका प्यार 
आप अपने संसार में मग्न रहो और 
अपने शिशु को खूब खिलाओ 
साथ ही, तुम्हारे जो भी 
शौक है 
आप जो भी करना चाहती है जैसे लिखना या सिखा 
सिक्षा का 
आप जो भी सीखना, सीखना करना चाहती है अॊको जो भी 
कम आता है 
आपको, जो भी पसंद है 
वो, सब आप करो घर व् दोस्ती के आलावा तुम सभी में संतुलन बनाकर चलो तुम्हारा जीवन सहज खुशियों से जगमगाता रहे 
तुम्हे सभी का स्नेह मिले जीवन-साथी का 
हर कदम पर साथ व् सहारा मिले 
तुम हमेशा जूही के फूल कि तरह खिलो 
और हरसिंगार कि तरह सजो 
हमेशा रोज मुस्कराती हुई 
सपनों में मिलो 

Friday 7 March 2014

मई उस लड़की कि मदद नही क्र सकी 
किन्तु, उसपर लिखी कहानी पर 
मेरे मित्र डायरेक्टर 
बना रहे है 
शॉर्ट फ़िल्म 

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी 
एक शब्द भी अच्छे स...
: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी  एक शब्द भी अच्छे से लिखने  मुझे वक़त या हालत नही मिलते

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी 
एक शब्द भी अच्छे स...
: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी  एक शब्द भी अच्छे से लिखने  मुझे वक़त या हालत नही मिलते

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी 
एक शब्द भी अच्छे स...
: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी  एक शब्द भी अच्छे से लिखने  मुझे वक़त या हालत नही मिलते

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी एक शब्द भी अच्छे स...

bnaras ki byar: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी 
एक शब्द भी अच्छे स...
: टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी  एक शब्द भी अच्छे से लिखने  मुझे वक़त या हालत नही मिलते
टुकड़े टुकड़े में मिली ये जिंदगी 
एक शब्द भी अच्छे से लिखने 
मुझे वक़त या हालत नही मिलते 
आज कोई कविता नही है 
किन्तु कोई भी पल 
तेरे ख्यालों के बिना बिता नही है 

Thursday 6 March 2014

आप सपने में आयी 
और मुस्करा रही थी क्या बताना छह रही थी क्या 
किसी बात से आगाह क्र रही थी, आप 
वर्ण , वरना आप यूँ सपने में नही आती 
शायद आप कोई सन्देश दे रही हो 
जो, भी हो 
दिए जलाये 
शाम को दहलीज आँगन पर 
आपकी सिद्दी  पूजा -अर्चना से मुझे 
शांति, सुकून, व् सफलता मिले 
आप मुझे जिंदगी में बचा सको 
यंही, शिव जी से प्राय कीजिये 
बनारस कि बयार 
बनारस कि बयार 
ये तेरा ह्रदय-द्वार 
तुम कहती कि बुराई नही लिखती 
तो, देखो, तुम्हारी यंही बुराई है 
सॉरी , तुममे यंही एक बुराई है कि तुम 
तुम, बहुत अच्छी लगती है 
सभी को मेरी क्या बिसात है 

Wednesday 5 March 2014

अब कहती है , कि चुप रहूँ 
पहले कहती है बुराई नही लिखती 
ये कहना कि मई तुम्हारी बुराई नही लिखते या तुम्हारे बारे में बुरा नही लिखती 
इसलिए मित्र या हितेषी नही, शत्रु हूँ 
ये इल्जाम आपका मुझपर है तो, चलिए 
अपनी बुराई सुनने व् पढ़ने के लिए तैयार रहिये 
आपकी पहली बुराई ये है, कि आप बहुत शरारती हो 
तुम्हारी शरारतों ने ही ,मेरा ध्यान तुम्हारी और खिंचा 
दूसरी बुराई के लिए कल का इंतजार करो 
चलो चलते ह्यूए बता दूँ, 
कि तुमने हमेशा मेरी ख़ुशी के लिए बहुत कुछ किया 
ये भी तो तुम्हारी बुराई है 
तुम नही मबनोगी 
तो, बता दूँ 
कि तुमने कितना कुछ किया है मेरे लिए 
ये भी तुम्हारी बुराई ही थी, 
कि तुमने इतना कुछ सहन किया 
और कितनी बुराई गिनाऊँ सच तो ये है 
कि बनारस कि बयार 
तुम्हारे भीतर बुराई ही बुराई है 
अबतो , मई सच्ची मित्र हूँ न 
yes mera email id lmba h, fir pasword bhi bahut lmba h
ise manage krte ungali dukhti h
बनारस कि बयार 
तुम कहती हो, कि मई तुम्हारी 
बुराई लिखू 
मेरा राजनीती या राजनितिक दलों से कोई लेना देना नही है 

Tuesday 4 March 2014

क्यों हिंदुओं से सवाल करने का हक़ छीन 
 आजाद भारत में हिन्दू इतना द्र 
डरा सहमा व् लचर हिन्दू क्यों है 
हिन्दू होना एक  क्यों है क्यों कोई भी हिन्दू को धकिया देता है 
हिन्दू पर इतने इल्जाम व् तोहमत क्यों है 
क्यों सारे राजनीती वाले हिंदुओं को आँखें दिखाते है क्यों हिन्दुओ को डरना सिखाते है 
क्यों हिंदुओं के गुरुकुल ही उजड़े जाते है 
हिन्दू क्यों अपने इतिहास को नही जनता 
क्यों वो, महाराणा प्रताप और झाँसी कि रानी को नही जानता 

bnaras ki byar: मुम्बई में हूँ यंहा मुम्बई में हूँ ये वो सब नही ...

bnaras ki byar: मुम्बई में हूँ 
यंहा मुम्बई में हूँ 
ये वो सब नही ...
: मुम्बई में हूँ  यंहा मुम्बई में हूँ  ये वो सब नही  जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या  पढ़ाया जा रहा  सच क्या  झूठ क्या  वो, पाठ्य पुस्तक...
मुम्बई में हूँ 
यंहा मुम्बई में हूँ 
ये वो सब नही 
जो मई बचपन में पढ़ती थी आज क्या 
पढ़ाया जा रहा 
सच क्या 
झूठ क्या 
वो, पाठ्य पुस्तकों के गीत क्या 
और कविता क्या 
मई सोचती हूँ कंहा है प्रेमचंद 
कंहा है , रविन्द्र 
कंहा है, सुभाष 
और कंहा है भगतसिंह 
मई ये किस देश में हु वो, हल ले जाते 
किशानों के दृश्य 
वो गौओं के बेफिक्र झुण्ड कंहा है वो, रम्भाती 
पिन्हाती गौएँ कंहा है 
जो गोधूलि कि बेला में लौटती थी तो, बछड़ों 
को उनके लिए उछलते दौड़ते देखते थे 
वो, मेरा प्यारा देश कंहा खो गया है